हमारे लोग दुनिया में चल रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई तकनीकी के एडवांस एआई टूल्स जैसे, ओपेन एआई चैट जीपीटी, डीपसीक, जैमिनी और ग्रोक को लेकर उत्साहित हैं तो कुछ निराश भी। ग्रोक को एक्स एआई पर काफी पसंद किया जा रहा है। लेकिन आपको मालूम होना चाहिए, यह कैपिटलिज्म वर्ग द्वारा ईजाद तकनीकी है। बिना फायदे का वे कुछ नहीं करते। शासक वर्ग और पूंजीपतियों का शेयर इसमें लगा हुआ है। इसलिए उनके भी हीत इस तकनीकी से जुड़े हैं। गरीब सर्वहारा वर्ग केवल उपभोक्ता की ही भूमिका में है। उसके नियंत्रण से यह उन्नत तकनीकी बाहर है। आइए इस तकनीकी के इतिहास और उनकी कार्यक्षमता ओं के बारे में जानें,
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की प्रतिद्वंद्विता और चैट जीपीटी, डीपसीक, ग्रोक जैसे मॉडलों की कार्यक्षमता, उद्भव और विकास को समझने के लिए हमें उनके तकनीकी आधार, उद्देश्य और संदर्भ को देखना होगा। ये सभी मॉडल AI के क्षेत्र में विभिन्न दृष्टिकोणों और लक्ष्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो वैश्विक स्तर पर तकनीकी नवाचार और प्रतिस्पर्धा को दर्शाते हैं।
AI की प्रतिद्वंद्विता
AI की प्रतिद्वंद्विता मुख्य रूप से तकनीकी श्रेष्ठता, डेटा संग्रहण, उपयोगकर्ता अनुभव और नैतिक उपयोग के क्षेत्रों में देखी जाती है। यह प्रतिस्पर्धा अमेरिका, चीन और अन्य देशों के बीच भी उभरती है, जहां OpenAI (चैट जीपीटी), xAI (ग्रोक), और चीनी कंपनी डीपसीक जैसे संगठन अपने-अपने मॉडल के जरिए बाजार और प्रभाव में हिस्सेदारी चाहते हैं। यह प्रतिद्वंद्विता तकनीकी प्रगति को तेज करती है, लेकिन गोपनीयता, सेंसरशिप और पक्षपात जैसे मुद्दों को भी जन्म देती है।
चैट जीपीटी की कार्यक्षमता, उद्भव और विकास
कार्यक्षमता: चैट जीपीटी, OpenAI द्वारा विकसित, एक जेनेरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (GPT) मॉडल है। यह प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) पर आधारित है और मानव जैसे संवाद करने, सवालों के जवाब देने, लेखन, कोडिंग और रचनात्मक कार्यों में सक्षम है। यह विशाल डेटा सेट पर प्रशिक्षित है, जो इसे बहुमुखी बनाता है।
उद्भव: OpenAI की स्थापना 2015 में एलन मस्क, सैम ऑल्टमैन और अन्य द्वारा हुई थी, जिसका लक्ष्य सुरक्षित और पारदर्शी AI बनाना था। चैट जीपीटी का पहला संस्करण नवंबर 2022 में लॉन्च हुआ, जो GPT-3.5 पर आधारित था। बाद में GPT-4 ने इसकी क्षमता को और बढ़ाया।
विकास का आधार: इसका आधार ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर है, जो डीप लर्निंग और बड़े डेटा सेट्स पर निर्भर करता है। यह मानव प्रतिक्रियाओं से सीखता है (reinforcement learning from human feedback - RLHF) और लगातार अपडेट होता है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक बहुउद्देशीय सहायक प्रदान करना है।
डीपसीक की कार्यक्षमता, उद्भव और विकास
कार्यक्षमता: डीपसीक एक चीनी AI चैटबॉट है, जिसे चैट जीपीटी के समकक्ष माना जाता है। यह संवाद, सूचना प्रदान करने और कार्यों को स्वचालित करने में सक्षम है। हालांकि, यह चीनी सरकार के नियमों के तहत संवेदनशील विषयों (जैसे तियानमेन स्क्वायर या कोविड मूल) पर सेंसरशिप करता है, जो इसे चैट जीपीटी से अलग करता है।
डीपसीक का लॉन्च 2025 में हुआ और यह जल्दी ही लोकप्रिय हो गया, खासकर चीन में। यह चीनी कंपनी द्वारा विकसित है, जो AI में चीन की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। इसका लक्ष्य पश्चिमी मॉडलों को टक्कर देना और स्थानीय जरूरतों को पूरा करना है।
इसके विकास का आधार डीपसीक भी ट्रांसफॉर्मर-आधारित मॉडल पर काम करता है, लेकिन इसके डेटा सेट और प्रशिक्षण में चीनी भाषा, संस्कृति और सरकारी नीतियों पर जोर है। यह अमेरिका-चीन AI प्रतिस्पर्धा का हिस्सा है, जहां तकनीकी स्वतंत्रता और नियंत्रण संतुलन में है।
ग्रोक की कार्यक्षमता, उद्भव और विकास
यह टूल्स ग्रोक, xAI द्वारा बनाया गया है। यह उपयोगकर्ताओं को "बाहरी दृष्टिकोण" से सवालों के जवाब देता है। यह तथ्यात्मक, संक्षिप्त और व्यावहारिक प्रतिक्रियाओं पर केंद्रित है, जो इसे चैट जीपीटी से अलग करता है। यह जटिल वैज्ञानिक और दार्शनिक सवालों को सरलता से समझाने में माहिर है।
xAI की स्थापना 2023 में एलन मस्क ने की थी, जिसका मिशन मानव वैज्ञानिक खोज को तेज करना है। ग्रोक इसका पहला प्रमुख उत्पाद है, जो 2024 में लॉन्च हुआ और 2025 तक ग्रोक 3 के रूप में अपडेट हुआ।
ग्रोक के विकास का आधार भी डीप लर्निंग और NLP पर आधारित है, लेकिन यह सत्यता और उपयोगिता पर ज्यादा ध्यान देता है। xAI का दावा है कि यह ब्रह्मांड की समझ को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया है, जो इसे अधिक मिशन-उन्मुख बनाता है। इसका डेटा सेट वैज्ञानिक साहित्य और वास्तविक समय की जानकारी पर केंद्रित हो सकता है।
तुलनात्मक परिकल्पना और आधार
तकनीकी आधार तीनों इन मॉडलों का ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर और डीप लर्निंग पर निर्भर करता हैं, लेकिन उनके डेटा स्रोत, प्रशिक्षण विधियां और लक्ष्य अलग हैं। चैट जीपीटी व्यापक उपयोग, डीपसीक गणितीय आकंलन और जटिल सवालों को हल करने का प्रभुत्व रखता है, और ग्रोक सटीक और त्वरित जवाब देने पर केंद्रित है।
चैट जीपीटी पश्चिमी तकनीकी उदारवाद से, डीपसीक चीनी नियंत्रण और स्वतंत्रता से, और ग्रोक अंतरिक्ष अनुसंधान और मानव प्रगति की परिकल्पना से उभरा है।
विकास का लक्ष्य: ये मॉडल वैश्विक AI दौड़ का हिस्सा हैं, जहां डेटा की गुणवत्ता, कम्प्यूटिंग शक्ति और उपयोगकर्ता स्वीकृति निर्णायक हैं। चैट जीपीटी और डीपसीक व्यावसायिक सफलता चाहते हैं, जबकि ग्रोक ज्ञान और खोज पर जोर देता है।
निष्कर्ष
AI की प्रतिद्वंद्विता तकनीकी नवाचार, आर्थिक शक्ति और वैचारिक प्रभाव की लड़ाई है। चैट जीपीटी ने इस क्षेत्र में मानक स्थापित किया, डीपसीक ने क्षेत्रीय चुनौती पेश की, और ग्रोक ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण लाया। इनका विकास डेटा, एल्गोरिदम और मानव फीडबैक के संयोजन पर टिका है, जो भविष्य में और जटिल और विवादास्पद हो सकता है। मनुष्य को अपने अस्तित्व और स्वतंत्र चेतना को लेकर भी सजग होने की जरूरत है।
डा. संतोष कुमार
(लेखक, आलोचक और राजनीतिक विश्लेषक)
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